जून-सितंबर के दौरान बारिश की तीव्रता काफी अधिक 20 मिलीमीटर प्रति घंटा होती है तथा 70-85 सतही मिट्टी का बहाव इसी दौरान होता है.
2.
सतही मिट्टी भी धोखा देने लगी: जलभराव क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से की जांच में यह भी सामने आया है कि यहां की मिट्टी में भी बहुत अधिक रिसाव (सीपेज) होने लगा है।
3.
वन विनाश और इसके फल स्वरूप पहाड़ों पर मिट्टी के कटाव के बाद उधड़ी नंगी चट्टानी सतहों के कारण वर्षा का जो पानी पहले पेड़ों की पत्तियों पर, फिर नीचे की घासफूस और झाड़ियों पर व अंत में सतही मिट्टी में रुक रुक कर सतही रूप में कम और भू जल के रूप में ज्यादा समय में बहता था वह अब तत्काल सारा का सारा सतही रूप में बह जाता है।